सोमवार, 19 नवंबर 2012

मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाम राम जेठमलानी

  भारत के मशहूर वकील और सांसद राम जेठमलानी ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है। जेठमलानी ने कहा है कि राम एक बुरे पति थे। राम जेठमलानी के इस बयान पर बवाल मच गया है।
  हिंदू जिन भगवान राम की पूजा करते हैं, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहा जाता है, उन्हीं भगवान राम को बीजेपी सांसद रामजेठमलानी बुरा पति मानते हैं। उन्हें ये नहीं पता कि जब भगवान राम वनवास में थे, तब वे सीता जी से कितना प्रेम करते थे। वनवास के समय वे एक साधारण मनुष्य की भाँति जीवन व्यतीत कर रहे थे। वहाँ उनके लिए पत्नी प्रेम तथा भ्रातृ प्रेम सर्वोपरि था। लेकिन जब वे अयोध्या लौटकर आए तो उन्हें अयोध्या का शासक(राजा) बना दिया गया। यहाँ उनके लिए परिवार से जरूरी शासन सत्ता था। उन्होंने जनता के बीच सीता जी की आलोचना सुनी तो अपने शासन सत्ता की गरिमा को बनाए रखने के लिए, परिवार का मोह छोड़कर सीता जी का परित्याग कर दिया।
  आज के हमारे नेता जी लोगों को अपने शासन सत्ता की गरिमा की कितनी चिन्ता है। हमारे प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री अपने परिवार(पार्टी) के सदस्यों(सांसद,विधायक)की आलोचना होने पर उनका परित्याग करने के बजाय उन्हें क्लिन चिट दे देते हैं। देश की जनता चिल्लाती रहे, आलोचना करती रहे पर इन  नेता जी लोगों को शर्म कहाँ आने वाली है। इन्हें अपने शासन सत्ता की गरिमा की कितनी चिन्ता है। स्वयं तो आदर्श शासक बन नहीं सकते ,इसलिए भगवान राम की आलोचना कर रहे हैं। अरे! राम जेठमलानी जी, उस समय राम के शासन काल में क्लिन चिट का फण्डा ही नहीं था। वरना भगवान राम भी आज के शासकों की तरह सीता जी को भी क्लिन चिट दे देते।

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